पटना: मंगलवार को मतदान पूरा होने के बाद, वोटों की गिनती 14 नवंबर को 38 जिलों के 46 मतगणना केंद्रों पर होगी – तीन सहरसा में (राज्य में सबसे अधिक), छह जिलों में दो-दो और बाकी 31 में एक-एक केंद्र – 14 नवंबर को।ईसीआई ने बुधवार को एक बयान में कहा कि विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के बाद, 45,399 मतदान केंद्रों से ईवीएम और वीवीपीएटी को राज्य भर में नामित स्ट्रॉन्गरूम में डबल-लॉक सिस्टम के तहत सुरक्षित किया गया है।इसमें कहा गया है कि पारदर्शिता से चिह्नित इस प्रक्रिया में वीडियोग्राफी शामिल थी और इसे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों, चुनाव एजेंटों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में किया गया था।
चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, गया, वैशाली, भागलपुर, सीवान, पूर्णिया और पूर्वी चंपारण में दो-दो मतगणना केंद्र हैं, जबकि सिर्फ चार विधानसभा क्षेत्रों वाले सहरसा में तीन हैं।आयोग के सुरक्षा एवं भंडारण प्रोटोकॉल के अनुसार त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गयी है. स्ट्रांगरूम के लिए सशस्त्र बल की दो स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है, जिसमें अंदरुनी हिस्से की जिम्मेदारी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को दी गयी है. साथ ही परिसर की बाहरी सुरक्षा व्यवस्था के लिए जिला पुलिस को तैनात किया गया है.इसके अलावा 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे से निगरानी और अन्य प्रावधान सुनिश्चित किये गये हैं. मॉक पोल के दौरान खराब पाई गई इलेक्ट्रॉनिक वाइटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर-वेरिफिएबल ऑडिट ट्रेल्स (वीवीपीएटी) को आयोग के निर्देशानुसार एक अन्य चिन्हित स्ट्रांगरूम में निर्धारित सुरक्षा व्यवस्था के तहत रखा गया है।चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों को लिखित रूप से सूचित कर दिया गया है कि वे स्ट्रांग रूम की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए अपने प्रतिनिधि नियुक्त कर सकते हैं। उन्हें सुरक्षा के आंतरिक परिधि क्षेत्र के बाहर रहने की अनुमति दी गई है। उम्मीदवारों और प्रतिनिधियों के लिए स्ट्रांग रूम का सीसीटीवी डिस्प्ले भी उपलब्ध कराया गया है। मतगणना प्रक्रिया शुरू होने से पहले पोल्ड ईवीएम स्ट्रांगरूम को वीडियोग्राफी के साथ उम्मीदवारों, चुनाव एजेंटों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में खोला जाएगा।





