Kaushal Vikas Kendra: बिहार में संचालित सभी 1690 कौशल विकास केंद्रों की जांच कराने की पहले से ही तैयारी हो रही है.
कुछ केंद्रों की अनियमितताओं पर सरकार बेहद गंभीर है. सभी 38 जिलों में Kaushal Vikas Kendra पर शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था की जांच जिलों के Officers को जल्द ही सौप दी जाएगी.
इसके लिए श्रम संसाधन विभाग ने जिलास्तर पर जांच कमेटी गठित की है. साथ ही Kaushal Vikas Kendra की Online Tracking की जाएगी.
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इसकी तैयारी मुख्यालय स्तर पर की जा रही है. बात दे कि पिछले माह विभाग ने कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्रों की जांच की थी. इसमें 143 केंद्रों की अनियमितता पकड़ी गई थी.
जिसमे कहीं शिक्षक नदारद थे तो कहीं Computers नहीं था. वहीं, कई ऐसे भी केंद्र मिले जहां प्रशिक्षण देने के लिए पर्याप्त जगह नहीं थी.
जांच के बाद विभाग ने ऐसे केंद्रों को दी जाने वाली राशि में से 30 प्रतिशत की कटौती करने का अहम फैसला लिया है.
प्रशिक्षणार्थी न संसाधन, हस्ताक्षर भी फर्जी, हो गया कौशल विकास :
श्रम संसाधन विभाग के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने यह बताया कि कई Kaushal Vikas Kendra पर औचक निरीक्षण में बड़ी ही गड़बड़ी सामने देखने को मिली है.
अब ऐसे गड़बड़ी वाले केंद्रों पर युवाओं को प्रशिक्षण देने का काम केवल कागजों पर सिमटकर रह गया है.
अधिसंख्य केंद्रों पर संचालन में अनियमितता उजागर हुई है. एक केंद्र में एक भी प्रशिक्षणार्थी नहीं मिला, जबकि दो केंद्रों पर प्रशिक्षणार्थियों की संख्या Register में दर्ज से कम मिली.
आगे इसका भी पर्दाफाश हुआ कि एक केंद्र में प्रशिक्षणार्थी केवल हाजिरी दर्ज करने आते हैं. हाजिरी पंजी में अभ्यर्थियों के फर्जी हस्ताक्षर और हस्ताक्षर के स्थान पर कागज की पट्टियां भी चिपकी मिलीं.
बता दे कि एक केंद्र पर छह प्रशिक्षणार्थी मिले, लेकिन हाजिरी पंजी में 17 हस्ताक्षर दर्ज थे. ऐसे तमाम गड़बड़ी वाले केंद्रों को Blacklisted करने की पूरी तैयारी है.
ये कमियां भी मिलीं :
• अधिसंख्य केंद्रों में Power Backup के रूप में कोई व्यवस्था नहीं, फिर बिजली कंटने पर कैसे चलेगा कंप्यूटर.
• केंद्रों पर CCTV Camera का न होना, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं.
• Biometric Machine से हाजिरी दर्ज नहीं, मानकों के तहत प्रशिक्षकों की तैनाती नहीं.
• कक्षाओं में Projector की व्यवस्था नहीं.