Mushroom farmer Pushpa Jha: वैसे तो अब आधुनिकता के दौर में लोगों ने काफी तरक्की कर ली है,
लेकिन देश के कई पिछड़े इलाकों में महिलाओं को सम्मान के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है।
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एक तरफ देश में आत्मनिर्भर भारत अभियान चलाया जा रहा है।वहीं पर दूसरी तरफ सही ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
अब ऐसे में कई महिलाएं सामाजिक तिरस्कार को झेलकर सफलता की सीढ़ियां चढ़ती है और बाकी महिलाओं के लिए मिसाल बनती हैं।
सफल और सशक्त महिलाओं की सूची में बिहार की Pushpa Jha का नाम भी शामिल है, जिन्होंने सामाजिक तिरस्कार झेलकर भी हार नहीं मानी,
और आज वह अपने पति के सहयोग से मशरूम की खेती कर अच्छी आमदनी कमा रही है। सभी सम्मान के लिए संघर्ष करने वाली Pushpa आज दौलत और शोहरत दोनों काम आ रही हैं।
इनकी बढ़ती लोकप्रियता बिहार राज्य की दूसरी महिलाओं के लिए अधिक प्रेरणा बन रही हैं। बता दें कि पुष्पा झा प्रतिदिन हजारों रुपए की आमदनी ले रही है
साथ ही 20 हजार लोगों को मशरूम फार्मिंग (Mushroom farming) की ट्रेनिंग भी इन्होंने दे चुकी है।
आइए नजर डालते हैं तिरस्कार से तरक्की तक Pushpa Jha की सफलता की कहानी पर
रोजाना हजारों की कमाई
Pushpa Jha ने साल 2010 से मशरूम की खेती शुरू की उनका मानना है कि पारंपरिक फसलों के मुकाबले मशरूम की खेती को कम जगह और कम मेहनत की जरूरत होती है।
इससे काफी अच्छा उत्पादन मिल हज जाता है बिहार के दरभंगा जिले स्थित बलभद्रपुर गांव में मशरूम की खेती करने वाली Pushpa रोजाना 10 किलो मशरूम का Production ले रही है,
जो बाजार में 100 से 150 रुपये प्रति किलो तक के भाव मे बिक जाता है। इस तरह रोजाना 1000 से 1500 रुपये की आमदनी हो जाती है।
Pushpa के Mushroom Farm में उनके पति राजेश भी मदद करते हैं। वैसे तो 43 वर्षीय पुष्पा के प्रति एक शिक्षक है,
लेकिन सफलता के शिखर तक पहुंचने में उन्होंने Pushpa का काफी साथ निभाया है।
रमेश ने की Pushpa को मशरूम की खेती करने के लिए बहुत ही प्रेरित किया। इसकी जानकारी नहीं थी तो पुष्पा को ट्रेनिंग भी दिलाई।
Samastipur के पूसा कृषि विश्वविद्यालय (Pusa Agriculture University) में मशरूम की ट्रेनिंग लेकर पुष्पा ने खुद का फॉर्म बनाया।
Mushroom Form के लिए पूसा University से ही 1000 बैग मंगवाये और दो कट्ठे जमीन पर ही झोंपडी बगाकर
मशरूम की खेती शुरू कर दी। इन दिनों प्रति बैग 800 ग्राम से 1 किलो तक मशीन का Production मिल रहा था।
लोगों ने जला दी झोपड़ी
Pusa University से ट्रेनिंग लेने के बाद जब मशरूम की खेती शुरू की तो काफी अच्छे रुझान रहे।
मशरूम को बेचने के लिए पुष्पा खुद 200-200 ग्राम के पैकेट बनाकर सब्जी वाली महिलाओं को देने लगीं।
जब पैकेट नहीं बिकता था तो वह वापस ही Farm पर आ जाता था। 50,000 की लागत से शुरू हुआ यह farm सालभर में अच्छा खासा मुनाफा दे रहा था।
इसके बाद पुष्पा ने Mushroom Spawn यानी मशरूम बीज बनाने की Training लेने का फैसला किया।
इसके लिए वह Pusa University को दोबारा पहुंची। 1 महीने की Training के दौरान पुष्पा ने तो काफी कुछ सीख ही लिया,
लेकिन सबसे दुःखद उनके पीछे से कई असामाजिक लोगों ने Mushroom Farm को जलाकर भस्म कर दिया।
अब इस घटना की भनक Pushpa को भी नहीं पड़ी, क्योंकि उनके पति रमेश ने पुष्पा के लौटने से पहले ही एक नया मशहूर फार्म तैयार कर दिया।
इस सबके बाद भी शुरुआती 5 साल काफी कठिन से बिता रहे, लेकिन अब मशरूम की खेती के साथ इसकी Processing और Marketing जोरों-शोरों से हो रही है.
आज Pushpa के फार्म से निकले मशरूम दरभंगा के लोकल मार्केट से लेकर बिहार के दूसरे जिलों तक भी यह बेचे जा रहे है।
मशरूम नहीं बिके तो बना दिया अचार
कभी-कभी Pushpa Jha के Farm से निकले मशरूम नहीं बिकते तो वो फार्म पर वापस आ जाते हैं, जिसके बाद ही इनकी Processing की जाती है।
इनसे पुष्पा Pickles, Biscuit, Toast, Chips आदि भी बनाती हैं। अब जो मशहूर बाजार में नहीं बिकता उनका अचार और दूसरे उत्पाद आसानी से बना दिए जाते हैं।
इससे नुकसान भी नहीं होता और बाजार में उत्पाद को अच्छे दाम भी मिल जाते हैं।
साल 2010 से लेकर 2017 तक पुष्पा ने मशरूम की खेती, Processing और Marketing के क्षेत्र में काफी उपलब्धियां हासिल कर ली थी।
मशरूम की खेती के क्षेत्र में बेहतर प्रदेशन के लिए Pushpa Agriculture University ने ‘अभिनव किसान पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया।
पुष्पा को देखकर गांव की दूसरी महिलाएं भी प्रेरित होने लगी और ट्रेनिंग के लिए भी आने लगीं। पुष्पा बताती है कि अपने फॉर्म में
महिलाओं को Free Training के साथ मशरूम के मुफ्त बीज भी देती हैं। जब कभी महिलाओं को आर्थिक मदद की जरूरत होती है तो उनकी सहायता करके पुष्पा को काफी ज्यादा खुशी होती है।
महिलाओं को बनाना चाहती है आत्मनिर्भर
आज 12वीं पास Pushpa Mushroom Farming के क्षेत्रों में एक बड़ा ही मुकाम हासिल कर चुकी है। करीब 20000 से ज्यादा लोग उस पर जाकर फॉर्म पर आकर Training भी ले चुके हैं।
कई सारे Government and Private Entities भी पुष्पा को Master Trainer रूप में बुलाती है।
यहां तक कि वह स्कूल और कॉलेज की लड़कियों से लेकर सेंट्रल जेल के खेत कैदियों तक को Mushroom Farming की ट्रेनिंग भी मिल चुकी है।
उनका बेटा इलाहाबाद में बागवानी की पढ़ाई कर रहा है, जिसके बाद वह अपने Form को एक कंपनी के तौर पर आगे बढ़ाएंगीं।
Pushpa यह बताती हैं कि उनके Form के Famous Lushpa jha के नाम से बेचे जाते हैं।
उनका यब मानना है कि अधिक से अधिक महिलाओं को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने से यह समाज भी मजबूत होगा।
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