Diwali Gift: दीपावली से पहले नितीश सरकार ने बिहार वासियों को बड़ा तोहफा दिया है।
गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 21 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है।
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जिसमे सरकार ने सूखा प्रभावित प्रत्येक परिवार को 3500 रुपये की विशेष सहायता देने का फैसला किया है साथ ही दूसरी ओर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में फसलों की क्षति का सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया हैं।
बताया गया है कि प्रदेश के 11 जिलों के 96 प्रखंडों की 937 पंचायतों के 7841 राजस्व ग्रामों एवं इसके अंतर्गत आने वाले सभी गांव, टोले, बसावट को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है.
सूखा प्रभावित इन बसावट, टोलों और गांवों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को 3500 रुपये की विशेष सहायता देने का फैसला किया गया है।
इन जिलों को किया गया सूखाग्रस्त घोषित:
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के Additional Chief Secretary एस सिद्धार्थ ने बताया कि वर्ष 2022 में वर्षा की स्थिति अत्यंत दयनीय रही।
कम वर्षा की वजह से बहुत से प्रखंडों में खरीफ फसल की बोआई, रोपनी औसत से कम रही और जुलाई में औसत से 60 प्रतिशत की कमी रही।
अगस्त में में 37 प्रतिशत की कमी पाई गई, जिससे कृषि उत्पादन में काफी कमी आई और लगाई गई फसल आच्छादन 70 प्रतिशत से कम रहा.
जिसे देखते हुए जहानाबाद, गया, औरंगाबाद, शेखपुरा, नवादा, मुंगेर, लखीसराय, बांका, भागलपुर, जमुई, और नालंदा को सूखा प्रभावित घोषित करने का फैसला लिया गया।
प्रभावित गांव, बसावट में रहने वाले को आर्थिक मदद:
सूखा प्रभावित 937 पंचायतों के 7841 राजस्व ग्रामों एवं इसके अंतर्गत आने वाले सभी गांव, टोले, बसावट में रहने वालों को सरकार ने 35 सौ रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है।
इसके पूर्व प्रभावित गांव, टोलों, बसावट में रहने वाले परिवारों को सर्वे होगा और पारिवारिक सूची बनाई जाएगी।
मंत्रिमंडल ने विशेष सहायता की राशि मुहैया कराने के लिए Bihar Contingency Fund से 500 करोड़ रुपये अग्रिम लेने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।
यह विशेष सहायता की राशि पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति किया जाएगा सर्वेक्षण:
इसी फैसले के तहत यह भी तय किया गया कि बिहार के जिन जिलों में बाढ़ का प्रभाव है वहां बाढ़ से कितनी फसल क्षतिग्रस्त हुई है इसका भी सर्वे किया जाएगा.
जहां फसल क्षतिग्रस्त हुई है वहां कि किसानों को सूचीबद्ध करते हुए उन्हें Agriculture Input Subsidy दी जाएगी।
सूखा प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति का आकलन यह दोनों कार्य एक साथ चलेंगे।
कैबिनेट के कुछ बड़े फैसले:
- सूखा प्रभावित क्षेत्र के पीडित परिवारों का होगा सर्वे, बनेगी सूची
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति का भी होगा सर्वेक्षण
- भुगतान करने के लिए आकस्मिकता निधि से 500 करोड़
- डीजल अनुदान देने के लिए और सौ करोड़ स्वीकृत