Success Story of Amar Bose: आप जब किसी बड़े या प्रीमियम क्लास सार्वजनिक स्थल पर जाएंगे तो अक्सर ये जरूर ही देखेंगे कि
वहां Sound System एक ही कंपनी का होता है। बड़े इंटरनेशनल मैच, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों या प्रीमियम कारों में
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आपको इस एक कंपनी का Sound System मिलता है। आपको बता दे की इस कंपनी का नाम है BOSE हैं।
Bose Corporation की स्थापना अमर बोस ने 1964 में की थी। कंपनी का पहला Product एक Stereo था जो 1966 में लॉन्च हुआ।
यह Product Market में अपनी छाप छोड़ने में असफल रहा। इसके बाद बोस ने एक और प्रोडक्ट बाजार में उतारा।
1968 में उन्होंने बोस 901 Speaker System Launch किया और इसने बाजार में बड़ी खलबली मचा दी। इसके बाद बोस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
आपको बता दे कि आज बोस एक Premium Class Product है और हर कोई चाहता है कि उसके पास इसी कंपनी का साउंड सिस्टम हो।
आज नासा जैसी शीर्ष Space Agency Sound Systems के लिए बोस की सहायता लेती है।
इस कंपनी की शुरुआत की कहानी काफी दिलचस्प है और बोस के नाम से जाहिर है कि इसका कोई न कोई भारतीय कनेक्शन तो है ही।
1920 में भारत से अमेरिका गए पिता
अमर बोस के Father’s Name Noni Gopal Bose था। वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे और 1920 में अंग्रेजों से बचकर किसी तरह अमेरिका पहुंच गए।
वहां उन्होंने एक अमेरिकी महिला से शादी की और 1929 में जन्म हुआ अमर बोस का।
अमर बोस के बेटे वानू बोस बताते हैं कि जब अमर बोस का जन्म हुआ तो उनके दादा के पास बिलकुल भी पैसे नहीं थे।
उन्हें अपनी पत्नी व बच्चे को Discharge कराकर घर लाने के लिए अपने दोस्त से पैसे उधार लेने पड़े।
बकौल वानू, उनके दादा के सारे पैसे उसी साल Stock Market Crash में डूब गए थे।
बचपन में रेडियो रिपेयर किए
अमर बोस को इलेक्ट्रिकल सामानों को रिपेयर करने का बड़ा ही शौक था।
उन्होंने एक Interview में यह बताया कि वे पुराने ट्रेन सेट खरीदकर लाते और फिर उन्हें रिपेयर करते थे।
इसी तरह उन्होंने Radio Repair करना शुरू किया। यह काम उन्होंने अपने घर के बेसमेंट में शुरू किया।
इससे उन्हें Pocket Money के लिए पैसे तो मिल जाते थे। बॉस की यही काबिलियत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ Sound System Company की नींव साबित हुई।
बोस को Sound System से बेहद प्यार हो गया और उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े College of Engineering MIT में
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिला ले लिया। बता दें कि बोस करीब 45 साल तक MIT में Professor भी रहे थे।
गुरु ने दी सीख
MIT में उनके एक प्रोफेसर थे जिनका नाम था वाई डब्ल्यू ली।उन्होंने ही बोस की प्रतिभा से प्रभावित होकर Electrical Company को शुरू करने की सलाह दी।
बोस के पास कई पेटेंट थे जिन्हें उन्होंने किसी कंपनी को बेचा नहीं और खुद की कंपनी शुरू करने की बस ठानी।
ली ने उन्हें सलाह दी कि कंपनी का नाम ऐसा रखना जो हर भाषा में आराम से बोला जा सके और Trademark लेने में भी आसानी हो।
बोस की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, जब ली ने यह बात कही तो वहां खड़े सभी लोग हंसने लगे थे क्योंकि ने जानते थे कि प्रोफेसर ली किस ओर इशारा कर रहे हैं.
पहला हिट प्रोडक्ट 1968 में हुआ लॉन्च
बोस द्वारा कंपनी शुरू करने की एक ओर वजह यह भी थी कि उस समय बाजार में मौजूद किसी भी Sound System से वह बिल्कुल भी खुश नहीं थे।
उन्हें यह लगता था कि इसे बेहतर किया जा सकता है। MIT में दिए अपने एक .ecture में उन्होंने कहा था कि
आप हमेशा बेहतर चीजों के बारे में सोचें और उन तक पहुंचने के लिए रास्तों बनाएं।
बोस ने इसी सोच के साथ कंपनी की शुरुआत की। बता दे कि कंपनी की सफलता आज किसी से छुपी बिल्कुल नहीं है।
पैसों के लिए नहीं खड़ी कंपनी
Amar Bose की नेटवर्थ 2007 में 1.8 अरब डॉलर हो गई थी। आज के रईसों से इसी इसकी तुलना की जाए तो यह कोई बहुत बड़ी रकम तो नहीं है।
बता दे कि साल 2009 में वह अरबपतियों की सूची से वे बाहर हो गए। Bose कहते थे कि उनका मकसद कभी पैसा बनाना नहीं रहा,
वे Business में उन चीजों को करने के लिए जो वे पहले कभी नहीं कर पाए थे। Bose ने अपनी आधी से ज्यादा संपत्ति MIT को दान कर दी थी। 2013 में बोस का निधन हो गया था।
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