HomeBusinessPoultry Business : टर्की मुर्गी से...

Poultry Business : टर्की मुर्गी से किसानों को होगी चार गुना ज्यादा फायदा, जानें कैसे

SHARE

Poultry Business : अब टर्की मुर्गी से किसानों को होगी चार गुना ज्यादा फायदा, टर्की मुर्गी का है सबसे बड़ी खासियत है कि

इसके ( Turkey Hen ) आगे का हिस्सा सफेद मतलब की बिल्कुल चिकन के जैसा होता है। अब वहीं पीछे वाला भाग बकरे के मीट

________________________
बिहार की सभी लेटेस्ट रोजगार समाचार और स्कॉलरशिप से अपडेटेड रहने के लिए इस ग्रुप में अभी जुड़े. (अगर आप टेलिग्राम नहीं चलाते हैं तो फेसबुक को फॉलो करें, ताकि बिहार की कोई नौकरी नोटिफिकेशन न छूटे)

Whatsapp GroupJoin Now
Follow FacebookJoin & Follow
Telegram GroupJoin Now

मतलब की बिल्कुल ही लाल रंग का होता है। इसके कारण ही मांग अधिक है। लोग एक पक्षी से ही Mutton and Chicken दोनों का स्वाद लेते हैं।

साथ ही इसमें बीमारियों का डर अन्य पक्षियों की तुलना में बहुत ही कम रहता है मुर्गी पालन ( Poultry ) ग्रामीण और शहरी इलाकों में बड़े ही पैमाने पर किया जा रहा हैं।

इसी में टर्की मुर्गी ( Turkey Hen ) पालना का प्रचलन भी तेजी से बढ़ा है। लोग इसे मुनाफे के व्यवसाय ( Profitable Business ) के रूप में देख रहे हैं।

टर्की (Turkey) का मांस बहुत ही स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से अधिक भरपूर होता है। यह पटना जिले के फुलवारी शरीफ ब्लॉक के

छतरा गांव में Vipin Kumar Jha लगभग दो साल से टर्की पालन ( Turkey Farming ) कर रहे हैं। वे बताते हैं कि टर्की पक्षी के मीट की मांग काफी बढ़ी है।

साथ ही पिछले साल December महीने में Vipin Jha ने 150 से अधिक टर्की बेचे थे. इसके ( Turkey Hen ) मांस में मटन और चिकन दोनों का स्वाद ले सकते हैं।

टर्की एक विदेशी नस्ल है भारी मात्रा में होती है इसकी डिमांड

Turkey Hen एक विदेशी नस्ल है, लेकिन भारत में भी बड़े पैमाने पर किसान इसका पालन कर रहे हैं। साथ में इसकी ( Turkey Hen ) तुलना बड़े पक्षियों के रूप में की जाती है।

Turkey Hen की मुख्य रूप से दो ही प्रजाति पाई जाती है, जिनमें नेत्रांकित टर्की और जंगली टर्की हैं। ये घरों में पाले जाने वाले

मुर्गा और मुर्गियों की तरह ही दिखते हैं। पर इसका आकार अन्य मुर्गियों की तुलना में काफी अधिक बड़ा होता है। लोग मांस और अंडा के लिए इसे पालते हैं।

जाने टर्की पालन के बहुत से फायदे 

आपको जानकारी दें कि Vipin Kumar Jha वैसे 20 साल से पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़े हुए हैं। पर पिछले दो साल से उन्होंने Turkey Hen का काम शुरू किया है।

JHA ने ‘किसान तक’ यह को बताया कि Turkey Hen की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके आगे का हिस्सा सफेद यानी चिकन के जैसा होता है।

पर वहीं पीछे वाला भाग बकरे के मीट यानी लाल रंग का होता है। इसके कारण मांग अधिक है। अब लोग एक पक्षी से मटन और चिकन दोनों का स्वाद लेते हैं।

इसमें बीमारियों का डर अन्य पक्षियों की तुलना में बहुत ही कम रहता है। यदि कोई इसका ( Turkey Hen ) पालन करना चाहता है, तो उसे शुरुआत के एक महीना

Turkey Hen चूजे का ध्यान रखना अधिक पड़ता है। Vipin Jha ने क्रिसमस के दौरान 150 टर्की बेचे, जिसमें लागत 18000 रुपये के आसपास हुआ। वहीं शुद्ध कमाई 50 हजार रुपये तक हुई।

देखे टर्की पालन की लागत और कमाई की पूरी जानकारी

एक Turkey Hen के लिए करीब 3-4 वर्ग फुट आराम के लिए जगह होनी चाहिए। प्रति नर Turkey Hen पूरे दिन में करीब 150 से 200 ग्राम तक चारा खाता है।

यदि हम महीने की बात की जाए तो 100 से 150 रुपये की लागत प्रति Turkey Hen पर आ जाता है। Turkey Hen एक साल में 14 किलो तक का हो जाता है।

यहां Jha कहते हैं कि छह महीने के बाद ही इसका मीट खाने लायक होता है। सात महीने में आठ किलो तक वजन हो जाता है। करीब एक साल में Turkey Hen पर पूरा खर्च

सिर्फ दो हजार से अधिक नहीं आता है। अब वहीं जिंदा Turkey Hen 450 रुपये प्रति किलो बिकता है। मतलब जी यदि एक साल में एक Turkey Hen

12 किलो का भी होता है, तो एक पक्षी करीब 5400 रुपये में बिक जाएगा। मतलब की एक Turkey Hen पर 3400 रुपये तक की कमाई आसानी से हो जाती है।

टर्की से किसानों को होगी चार गुना ज्यादा फायदा, जानें कैसे

Turkey Hen का उपयोग मछली पालन में भी कर सकते हैं। यदि आप Turkey Hen चारा के साथ कीड़े, कीट भी खाते हैं, जिससे तालाब के आसपास सफाई बनी रहती है।

अब ये तालाब के किनारे बोलते हैं तो मछलियों में एक हलचल पैदा होती है। जिस वजह से मछली एक स्थान से दूसरे स्थान तक चली जाती है।

अब इससे तालाब में Oxygen की कमी नहीं होती। जिससे मछलियों की कसरत भी हो जाती है। साथ ही Male Turkey एक साथ आवाज निकालते है 

और पूरे दिन में करीब 150 बार एक साथ आवाज निकालते हैं। वहीं तालाब के किनारे चरने के दौरान करीब

15 से 20 प्रतिशत तक चारा बच जाता है। साथ ही इसके अपशिष्ट (मल) से खाद भी तैयार की जाती है, जो खेती के लिए उपजाऊ होती है।

________________________
सभी लेटेस्ट Sarkari Naukri अपडेट व अन्य News जानने के लिए इस व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़े.

Whatsapp GroupJoin Now

Related Article

Most Popular

Sarkari Naukri

Astrology

Sarkari Yojana

Life Style

error: Copyright © 2022 All Rights Reserved.