Bluei: भारती विद्यापीठ पश्चिम विहार से साल 2009 में ग्रेजुएशन करने वाले Vanjul Chopra जी ने Admission in MBA में लेने की कोशिश की।
उन्हें जब Regular College MBA में Admission नहीं मिला तो इसके बाद उन्होंने 2010-11 में Correspondence से MBAप किया।
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इसके साथ ही उन्होंने Bobile Accessories का बिजनेस करने की शुरुआत की।
और साल 2012 में करीब दो लाख रुपए की पूंजी से शुरू कारोबार अब 100 करोड़ रुपए के Turnover को छूने वाला बन गया है।
Business के मौके की तलाश करने के लिए Vanjul Chopra जी ने दिल्ली में अपने जान-पहचान वाले लोगों से मिलने जुलने की कोशिश की।
इसके साथ ही उन्होंने Normal Trend से हटकर कुछ करने की पहली कोशिश की। एक दिन जब Vanjul जी किसी से मिलने पहुंचे तो वहां एक बंदा CCTV Camera लगा रहा था।
उसके बाद ही उन्होंने उस व्यक्ति से सीसीटीवी के कारोबार के बारे विस्तार से जानकारी ली।
उस समय उन्हें पता लगा कि एक CCTV Camera यहां ₹4500 का मिलता है। जब इस बारे में इंटरनेट से पता किया गया तो चीन से वह कैमरा मात्र1200 से 1500 रुपए के बीच में ही आ जाता है।
इसके बाद उन्हें लगा कि यह कारोबार बेहद अच्छा है और इसमें आमदनी की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके बाद Vanjul अपने चाचा और कुछ दोस्तों के साथ चीन चले गए।
चीन से लौटते वक्त उनकी Flight एक दिन डिले हो गई, इसके बाद समय बिताने के लिए उन्होंने दोबारा बाजार में घूमना का शुरू कर दिया।
फ्लाइट डिले होना रहा बेहतर
वंजुल ने कहा, “संयोग से हम कैमरे के ही बाजार में घुस गए। अलग-अलग तरह के CCTV Cameras साथ Recorder, Cable, Plug और Accessories के बारे में जानकारी जुटाने के बाद,
हमने सीसीटीवी का काम शुरू करने की योजना तुरंत ही बनाई.” Vanjul और उनके दोस्तों ने चीन में कैमरे के बाजार को देखकर वहां से कारोबारी संभावनाएं तलाशने की कोशिश करने लगी।
50 कैमरे से शुरुआत
चीन से कुछ नहीं लेकर आने की जगह उन्होंने सिर्फ 50 कैमरे खरीद लिए। भारत लौटने पर कुछ लोगों से मिलकर इस बारे में चर्चा की,
उस वक्त CCTV camera के विजुअल मोबाइल पर देखने की सुविधा नहीं थी, Vanjul ने पहले बार तो भारत में इसकी शुरुआत की। इसके बाद Bullet Cameras, Dome Cameras आदि की शुरुआत की।
parts instead of finished products
दिल्ली के बहुत से कारोबारी सीधे चीन से ही बिजनेस करते हैं, धीरे-धीरे इस बाजार में भी प्रतियोगिता काफी बढ़ने लगी। इसके बाद Blue Eye ने चीन से Finish Product मंगाने की जगह उसके पार्ट्स मंगाना शुरू कर दिया।
इससे उन्हें Custom Duty बचाने में काफी मदद मिली। इस तरह से वंजुल को पांच फीसदी की बचत करने में काफी मदद मिली.
भारत में Spare मंगाकर Assemble करने वाली भी Blue Eye पहली company थी। दिल्ली और देश भर के लोग सीसीटीवी के पार्ट्स खरीदने लगे।
नया प्रोडक्ट लाने में अव्वल
ब्लू आई ने सबसे पहले 4G सिमवाला राउटर पेश किया. इससे पहले कंपनी ने अलार्म वाला लॉक पेश किया था.
साल 2005 में शुरू हुई Blue Eye 2012-13 में पूरी तरह अस्तित्व में आई और अब यह CCTV, Mobile Accessories, Home Appliances और कार एक्सेसरीज़ का कारोबार करती है।
कारोबार पहुंचा 100 करोड़ के करीब
Vanjul ने कहा कि देश में CCTV के मामले में अब भी 80% Market खाली है जिसमें कारोबार की असीम संभावना मौजूद दिख रही है।
कामकाजी पति-पत्नी की वजह से अब CCTV हर घर की जरूरत बन गया है। यदि Blue Eye के सभी सेगमेंट की बात करें तो मोबाइल एक्सेसरीज़ की सबसे अधिक हिस्सेदारी है।
Blue Eye Haryana, Rajasthan, Punjab, UP and Chhattisgarh में ब्लू आई बहुत Popular नाम अब बन गया है।
Blue Eyes Company में सीधे तौर पर 400 लोग काम कर रहे हैं, जबकि अब18 स्टेट में कंपनी के प्रोडक्ट 2000 से भी अधिक Shop पर Sale हो रहे हैं।