Bihar Weather News : बिहार में अभी दक्षिण पश्चिम मानसून की रफ्तार एक बार फिर से धीमी पड़ गई है। बता दे कि प्रदेश में मानसून का सीजन अभी चल रहा है, पर लोग मूसलाधार बारिश के लिए बेहद तरस रहे हैं।
साथ ही पिछले कई दिनों से Bihar में अच्छी बारिश Record नहीं की गई है। जबकि, सूबे के अधिकांशतः जिलों में तेज ठंडी हवाएं चलने से लोगों को पसीने वाली गर्मी का सामना बिल्कुल नहीं करना पड़ रहा है।
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अच्छी बारिश नहीं होने का सबसे ज्यादा असर कृषि क्षेत्र पर पड़ने की आशंका काफी गहरा हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार कई सारे जगहों मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना देखने को आई है। पटना के साथ-साथ लगभग 21 जिलों में मध्यम स्तर की बारिश होने के आसार बताई गयी हैं।
बाकी सब जिलों में जैसे नालंदा, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर, लखीसराय, बेगूसराय, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज समेत शामिल है।
इस साल राज्य में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है बरसात नहीं होने से बजह से सबसे ज्यादा किसान परेशान हुए हैं।
बरसात के मौसम में Bihar में व्यापक पैमाने पर धान की खेती अधिक मात्रा में की जाती है, लेकिन औसत से कम बारिश होने की वजह से खेतीबारी पर विपरीत प्रभाव देखने को पड़ रहा है।
धान की रोपाई के रकबे में भी कमी आने के आसार अब बढ़ चुके हैं। बता दें कि धान की खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की बहुत अधिक जरूरत होती है, लेकिन इस बार अच्छी बारिश नहीं होने की कारण से किसानों की चिंताएं बढ़ रही हैं।
मौसम विभाग की ओर से Bihar में बारिश की स्थिति को लेकर ता Latest Update जारी किया गया है। LMD के Latest Update में Bihar में 18 August तक कहीं-कहीं छिटपुट बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
रविवार आधी रात के बाद प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश Record की गई।
मौसम विज्ञानियों की अगर हम मानें तो Bihar में फिलहाल अच्छी बारिश होने की संभावना न के बराबर बताई जा रही है। पड़ोसी राज्य झारखंड में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है,
लेकिन बिहार में मानसून के इस सीजन में अच्छी बारिश न के बराबर हुई है। इसका असर कृषि क्षेत्र पर पड़ने की आशंका तेजी से बढ़ गई है।
बारिश के सीजन में धान की खेती व्यापक पैमाने पर अधिक कीजाती है। इसे लिए अत्यधिक पानी की जरूरत होती है, लेकिन इस मानसून के सीजन में अच्छी बारिश नहीं हुई है जिससे खेतीबारी से जुड़ी गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ने के आसार बढ़ गए हैं.
सीमावर्ती जिलों में बाढ़ जैसे हालात :
अगर दूसरी तरफ, नेपाल के तराई वाले इलाकों में मूसलाधार बारिश होने की वजह से प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पड़ने वाली नदियां उफना गई हैं। छोटी-बड़ी नदियों के उफनाने से क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
जमीन के कटाव के कारण स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। लोग घरबार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए पलायन करने को मजबूर हो गए हैं।