GST On Rent: अब Residential Property किराये पर लेकर रहने वाले किरायेदारों को Rent के साथ 18% का GST भी देना पड़ेगा। यह फैसला पिछले महीने 18 जुलाई से ही लागू किया जा चुका है।
लेकिन इस फैसले में यह बताया गया है कि ये Tax केवल उन्हीं किरायेदारों को ही भुगतना होगा, जो किसी Business के लिए GST के तहत Registered हैं और जो GST भरने वाली श्रेणी में गिने जाते है।
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पहले के नियम के अनुसार, Commercial Property जैसे कि Office या Retail Space जैसी जगहों को किराये पर लेने पर लीज पर GST लगता था।
Residential Property को चाहे कोई Corporate House किराये पर ले या फिर कोई सामान्य किरायेदार, इस पर किसी तरह की GST नहीं लगता था.
सरकार ने दी सफाई:
एक Tweet में PIB ने बोला, ‘Residential Unit का किराया तभी Tax योग्य होता है जब इसे किसी भी GST Registered Company को कारोबार करने के लिए Rant पर दिया जाता है।
इसमें आगे यह भी Clear किया गया है कि Parcel Use के लिए अगर कोई व्यक्ति इसे किराए पर लेता है तो इस पर कोई GST बिल्कुल नहीं देना होगा’
जानिए क्या है नियम?
गौरतलब है कि GST की बैठक के बाद सरकार की तरफ से गई जानकारी के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति Residential Property को अपने Business के उद्देश्य से किराए पर लेता है तो उसे GST देना होता है।
पहले जब कोई Commercial काम के लिए Office या Building को Lease पर लेता था तो केवल तभी उसे Lease पर GST लगता था। दरअसल, GST की बैठक के बाद से ही लोगों में बढ़े हुए दर को लेकर काफी विरोध दिख रहा है।
Expert ने स्थिति की साफ:
Experts की यदि माने तो कोई आम Salaried व्यक्ति ने किराए पर एक Residential घर या Flat लिया है, तो उन्हें GST का भुगतान नहीं करना होता है।
जबकि एक GST पंजीकृत व्यक्ति या संस्था जो कारोबार करती है, अगर वे किराए पर Residential घर का Flat लेते हैं तो उन्हें मालिक को किराए पर 18 प्रतिशत GST देना पड़ेगा।
बढ़ जाएगी कंपनियों की लागत:
Chandigarh में हुई GST Council की 47वीं बैठक के बाद लागू इस नए बदलाव का असर ऐसी Companies या कारोबारियों पर पड़ेगा, जिन्होंने अपने business के लिए Residential Property को Rant या Lease पर लिया गया है।
वहीं, ऐसी companies भी इस लागत को वहन करेंगी जो Residential Property को किराये पर लेकर इसे Guest House की तरह इस्तेमाल करती हैं
या फिर कर्मचारियों के लिए रहने की जगह उपलब्ध कराती है। कर्मचारियों को Free में रहने की जगह देने वाली Companies पर इससे लागत बहुत ही ज्यादा बढ़ जाएगी।