इंटरनेट पर एक वीडियो तेजी से Viral हो रही है, ये वीडियो अपने Content की वजह से सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही है.
इस Video में दो युवक गाड़ी में बैठे होते हैं और एक बच्चा उनकी गाड़ी का शीशा साफ कर रहा होता है, गाड़ी पर लगा Fastag का Sticker बच्चे की Smartwatch के पास आ जाता है.
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इसके बाद बच्चा भागना शुरू कर देता है, गाड़ी में बैठे दोनों युवक दावा करते हैं कि बच्चे ने Smartwatch से Fastag को Scan कर लिया है और अब Paytm Account से वह खुद पैसे काट लेगा.
अब ये वीडियो Facebook, Whatsapp और Twitter पर तेजी से Viral हो रही है, और ये वीडियो देखने के बाद Internet Users को काफी चिंता हो गई उनके FasTag को लेके.
क्योंकि वीडियो में ये दावा किया जा रहा है कि बच्चे के Smartwatch में Inbuilt Scanner लगा हुआ है जो Fastag Sticker को स्कैन कर लेता है.
बाद में लोगों के E-Wallet, Fastag और Paytm से खुद ही पैसे कट जाएंगे, अब इस पर Paytm ने बयान दिया है. कंपनी ने इसे Fake Video करार दिया है.
Paytm ने दी सफाई:
Paytm ने बयान देते हुए यह कहा कि ये वीडियो पूरी तरह Fake है और Fastag तकनीक में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है.
Twitter पर कंपनी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि ‘एक वीडियो में Paytm Fastag के बारे में गलत सूचना फैलाया रहा है जो गलत तरीके से Smartwatch Sacnning Fastag दिखाता है.
NETC (National Electronic Toll Collection) के दिशानिर्देशों के अनुसार, FASTag Payment कई दौर के परीक्षण के बाद केवल अधिकृत व्यापारियों (Autorised Dealers) द्वारा किया जा सकता है और ये पूरी तरह से सेफ है.
क्या होता है Fastag?
Electronic Toll Collection के लिए हर गाड़ी पर Fastag अनिवार्य (Compulsory) कर दिया गया है.
NPCI और NHAI (National Highway Authority Of India) के 23 बैंकों के अधीन Fastag का टैग Issue किया जाता है.
Fastag का मुख्य उद्देश्य Toll Plaza पर मानव हस्तक्षेप (Human Intervention) को कम करना है. Toll Plaza पर गाड़ी पहुंचने के बाद खुद ही भुगतान हो जाता है,
लेकिन इसके लिए पहले Fastag रीचार्ज करवाना अनिवार्य होता है. सरकार ने सभी Personal और Commercial चार पहिया वाहनों के लिए Fastag अनिवार्य (Compulsory) कर दिया था. ये नियम February 2021 से लागू हुआ था.