Sarkari School Bihar : Bihar में Sarkari School के बच्चों को पाठ्य पुस्तक देने का अभियान मंगलवार को शुरू हो गया. यह 15 April तक चलेगाा.
इस दौरान पहली से आठवीं तक के बच्चों को उनके वर्ग की पाठ्य पुस्तकें दी जाएंगी. हालांकि पूरे Bihar में Sarkari School बच्चों को 15 May तक किताबें मिलेंगी. इस दौरान पूरे महीने सभी Sarkari School में पाठ्य पुस्तकें बांटी जाएंगी.
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बिहार सरकार ने पाठ्य पुस्तक वितरण कार्यक्रम को पुस्तकोत्सव का नाम दिया है. देर शाम शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव Deepak Kumar Singh पुस्तक वितरण कार्यक्रम की मुख्यालय
से Monitoring करते रहे. पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव ने ट्वीट कर खुद पुस्तकोत्सव की जानकारी साझा की उन्होंने पुस्तकोत्सव
में सभी अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शामिल होने का अनुरोध भी किया था. इस अभियान में पौने दो करोड़ स्कूली
बच्चों को किताब देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पुस्तकोत्सव के पहले दिन 40 फीसदी पुस्तकें प्रखंडों में पहुंच गई। इनका 15 April
तक वितरण होगा.इसके बाद भी पुस्तक वितरण का अभियान चलता रहेगा. शिक्षा विभाग ने 15 मई तक हर हाल में हर बच्चे तक
बच्चों को किताब देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पुस्तकोत्सव के पहले दिन 40 फीसदी पुस्तकें प्रखंडों में पहुंच गई. इनका 15 April
तक वितरण होगा. इसके बाद भी पुस्तक वितरण का अभियान चलता रहेगा. शिक्षा विभाग ने 15 मई तक हर हाल में हर Sarkari School के बच्चे तक को 250 रुपए जबकि 5 से 8 के बच्चों
Sarkari School के बच्चों को किताबों के बदले पैसे दिये जा रहे थे. इसके तहत 1-4 तक के बच्चों को 400 रुपए दिये गये. लेकिन, इसका परिणाम और खराब आया. अधिसंख्य बच्चों ने पैसा मिलने के बाद भी पुस्तकें नहीं खरीदी.
Sarkari School: चार वर्षों में 20% से भी कम बच्चों ने किताबें खरीदी
पिछले चार वर्षो में 20 फीसदी से भी कम बच्चों ने किताबें खरीदी। पहले साल 13 फीसदी, दूसरे साल 19, तीसरे साल 11% बच्चों ने ही किताबें खरीदी। जबकि, इस दौरान उनके खाते में 1600 करोड़ भेजे गए.
इतनी भारी-भरकम राशि खर्च करने के बाद भी बच्चों का किताब नहीं खरीदना सरकार के लिए बेहद चिंता की बात थी. इस परिणाम से सरकार चिंतित थी.
शिक्षा विभाग ने माना कि यदि बच्चों को फिर से पैसा दिया गया तो अच्छी-खासी धनराशि खर्च करने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाएगी.
लिहाजा, उच्च स्तरीय विमर्श के बाद शिक्षा विभाग ने Sarkari School बच्चों को पैसा के बदले पाठ्य पुस्तक देने का निर्णय लिया.
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