Thank God Review: पाप-पुण्य के Concept पर बनी Indra Kumar की यह Movie Ajay Devgan के कंधों पर टिकी हुई है। दूसरे कलाकार भी हैं,
लेकिन Main जिम्मेदारी उनकी ही है। देखनी चाहिए या नहीं, ये हम से आप जान लीजिए।
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Artist : Ajay Devgan, Siddharth Malhotra, Rakul Preet
- Director : Indra Kumar
Dhamaal…Total Dhamaal…Masti…Grand Masti, Comedy Films फिल्मों में अलग तरह का एक्सपेरिमेंट करने के लिए इंद्र कुमार जी जाने जाते हैं।
ज्यादा सफल हुए, ऐसा नहीं कह सकते लेकिन इतने लंबे career में उन्होंने अपनी खुद की एक ऑडियंस डेवलप जरूर कर ली है
अब उसी Audience को ध्यान में रखते हुए उनकी नई पेशकश आई है- Thank God.
इस फ़िल्म को Family Entertainer बताया जा रहा है, अजय देवगन के साथ सिद्धार्थ मल्होत्रा, रकुल प्रीत जैसे एक्टर भी काम इसमे कर रहे हैं। Hit है या फिर Flop, जानते हैं।
कहानी
Ayan Kapoor (Siddharth Malhotra) Real Estate के बिजनेस में काफी ज्यादा ही सफल चल रहा है। सफल है पर ईमानदार नहीं।
80 प्रतिशत Black और सिर्फ 20 प्रतिशत सफेद कमाई में विश्वास रखता है। उसकी Wife Roohi (Rakul Preet Singh) पुलिस ऑफिसर है,
ईमानदारी से अपना काम कर रही है, लेकिन पता नहीं क्यों अयान उसकी सक्सेस से बहुत ही चिढ़ता है। उसकी जिंदगी में कुछ ऐसे कांड हो गए हैं,
जिस कारण से Real State का किंग एक लूजर बनकर ही रह गया है। कर्ज चढ़ता चला गया है, बंगले जैसा घर बेचने की नौबत आ गई है।
इसी चुनौतियों के बीच एक Accident भी होता है और साथ ही अयान जिंदगी और मौत के बीच में झूलने लगता है।
बस यहीं पर कहानी का दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव यहा से शुरू होता है। चित्रगुप्त के रूप में Ajay Devgn की Entry होती है और शुरू होता है अब अयान के पाप-पुण्य का हिसाब।
अयान अभी मरा नहीं है, लेकिन मौत के काफी करीब है। चित्रगुप्त उसके साथ एक गेम खेलता है, Rules are Simple…कुछ परिस्थितियां दी जाएंगी,
उससे कैसे डील किया जाए, बस यही सारा खेल है। यदि सही फैसला ले पाया तो पुण्य मिलेगा, वहीं गलत फैसले पर पाप। जो घड़ा पहले भरा, वही अयान की किस्मत तय कर जाएगा।
पाप का घड़ा पहले भरा तो मौत, पुण्य का घड़ा भरा तो जीने की Lifeline। अब पूरी कहानी इसी खेल के इर्द-गिर्द घूमती रहती है।
Main वादा ही पूरा नहीं किया
इंद्र कुमार की इस पेशकश में सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि ये अपने Main वादे को पूरा नहीं कर पाई है। फिल्म को Family Entertainer के रूप में बताया गया,
Comedy की बढ़िया डोज मिलेगी, ऐसी उम्मीद जगाई गई, लेकिन असलियत थोड़ी अलग ही है। Thank God Concept तो सही लगता है,
पर जिस तरह के सीन्स से कॉमेडी जनरेट की गई है, वो उतनी मजा नहीं देती।
पहले Half में तो 20-25 मिनट तक सिद्धार्थ का किरदार भी थोड़ा सा बचकाना ही लगता है, उनकी हरकतें हंसाती कम बचकानी अधिक लगती हैं
इसी तरह रकुल प्रीत की Police Officer के रूप में एंट्री काफी फीकी है, उसे ट्रीटमेंट भी Typical Bollywood Movie जैसा दिया गया है, जो शायद अब दर्शकों को ओटीटी के जमाने में बिल्कुल ना पसंद आए।
इस फिल्म में थोड़ी बहुत जो जान आती है वो है Ajay Devgan’s Entry के बाद देखने को मिलती है।
जब चंद्रगुप्त बन अजय, सिद्धार्थ को अपने इशारों पर नचाना शुरू करते हैं, वो थोड़ा ज्यादा Interesting लगता है.
पूरा सेकेंड हाफ उसी खेल को दिया गया है, चार से पांच घटनाएं हैं और उसके अपने परिणाम.
ये कहानी क्योंकि आपके कर्मों पर काफी फोकस करती है, ऐसे में क्लाइमेक्स में एक Surprise Element है जो अच्छा लग सकता है. उसके़ लिए Makers को पूरे नंबर.
सिर्फ अजय की एक्टिंग, बाकी सब फीके
यदि हम Acting की बात करें तो Thanks God में गॉड बने अजय देवगन की सबकुछ हैं। उन्हीं की फिल्म है, उनसे ही यह फिल्म है।
उन्होंने अपने चंद्रगुप्त वाले किरदार को अलग सा Flavor दे दिया है। ये मॉर्डन है, थोड़ा फनी है और ज्ञान की बातें तो ज्यादा ही करता ही रहता है।
लेकिन ये सारी बातें फिल्म के Lead Actor माने जाने वाले जो सिद्धार्थ मल्होत्रा पर लागू नहीं होती हैं। स्मॉर्ट हैं लेकिन अदाकारी में वो फिर दम नहीं।
Comedy Scenes में भी उनके Reaction Over the Top लगते हैं, सहजता गायब रहती है। रकुल प्रीत सिंह के साथ तो सबसे बड़ा ही धोखा हुआ है।
उन्हें Role Police Officer का काम दिया गया है, लेकिन ट्रीटमेंट सबसे पिछड़ा। उनका किरदार क्यों गढ़ा गया, क्या सोचकर कहानी में जोड़ा गया, इसका जवाब आप पूरी फिल्म में ढूंढते रहेंगे
वैसे जबरदस्ती वाला कैमियो तो नोरा फतेही का भी देखने को मिल ही गया है। Bollywood Movie थी,
तो Item Song की कमी को पूरी करने के लिए उन्हें रखा गया। लेकिन वो कमी दूर तो नहीं होती, उल्टा खटकती ही ज्यादा है।
Indra kumar को हिट फिल्म की दरकार
Indra kumar लंबे समय से एक हिट फिल्म की दरकार में हैं। लेकिन लगता Comedy Genre उन्हें इस समय बिल्कुल ही सूट नहीं कर रहा।
इस बार Thank God में उन्होंने Concept तो बढ़िया ही उठाया, लेकिन इसे न्याय देने के लिए जिस कहानी की जरूरत थी, वो गायब रही।
जिस प्रकार की कॉमेडी से दर्शकों को हंसाने का प्रयास हुआ, वो भी आपको बता दे कि फीका ही कहा जाएगा।
दिक्कत ये भी कही जाएगी कि थैंक गॉड अपने मेन मुद्दे पर काफी देर से आती है। इस वजह से कई मौकों पर फ्लो टूटेगा और आपका इंट्रेस्ट नहीं बन पाएगा।
ऐसे में Ajay Devgan लिए आप Thank God देख तो सकते हैं, लेकिन हॉल में टिकट खरीदकर देखें, ऐसा सुझाव आपको नहीं दिया जा सकता।
कुछ महीने इंतजार कर लीजिए, अमेजन प्राइम पर आएगी, वहां एक बार देख लीजिए।
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