Rakhi Shubh Muhurat 2024 : रक्षा बंधन के दिन भद्रा व पंचक दोनों का साया, जाने राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
Rakhi Shubh Muhurat 2024: हर साल सावन मास की पूर्णिमा को भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा.
Rakhi Shubh Muhurat 2024: भाई बहन के रिश्ते का सबसे पावन पर्व रक्षाबंधन जल्दी आने वाला है. सभी भाई बहनों को इस दिन का इन्तजार होता है. बहाने अपने भाई के कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती है और इसके बदले में भाई अपनी बहन को उम्र भर रक्षा का करने का वचन देता है. आप सभी तो जानते ही हैं कि, इस साल सावन 22 जुलाई से शुरू हुआ था है,
जो कि 19 अगस्त तक चलेगा. जिस दिन सावन महीना खत्म हो रहा है उसी दिन रक्षाबंधन (Rakhi) मनाया जाएगा. हम आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि, इस बार रक्षाबंधन और सावन का आखिरी सोमवार (Sawan Somwar) एक ही दिन है.
ऐसे में सभी भाई-बहनों को भगवान शिव जी (Shiv ji) का विशेष आशीर्वाद भी मिलेगा. लेकिन रक्षाबंधन पर भद्रा का साया भी है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि रक्षाबंधन पर राखी बांधने का सही मुहूर्त क्या है.आज हम आप सभी को इससे जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार से देंगे.
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रक्षाबंधन कब है
हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि, हर साल सावन मास की पूर्णिमा को भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन 19 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा.
रक्षाबंधन पर भद्रा व पंचक का समय
हम आपको बता दें कि, 19 अगस्त 2024, सोमवार को रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 05 बजकर 52 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक रहेगी. पंचक शाम सात बजे से 20 अगस्त कि सुबह 05 बजकर 52 मिनट तक रहेंगे.
पूर्णिमा तिथि कब से कब तक
पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को सुबह 03 बजकर 04 मिनट से शुरू हो कर 19 अगस्त 2024 को दोपहर 11 बजकर 55 मिनट पर खत्म होगी.
राखी बांधने के उत्तम मुहूर्त
- रक्षाबंधन अनुष्ठान का समय - 01:30 पी एम से 09:07 पी एम
- अवधि - 07 घंटे 37 मिनट
- रक्षाबंधन के लिये अपराह्न का मुहूर्त - 01:42 पी एम से 04:19 पी एम
- अवधि - 02 घंटे 37 मिनट
- रक्षाबंधन के लिये प्रदोष काल का मुहूर्त - 06:55 पी एम से 09:07 पी एम
- अवधि - 02 घंटे 11 मिनट
राखी बांधने की विधि
- रक्षाबंधन पर राखी बांधने से पहले थाली सजा लें.
- आप थाली में रोली कुमकुम अक्षत पीली सरसों के बीज दीपक और राखी रखें.
- राखी बांधते वक्त सबसे पहले भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में राखी बांधें.
- इसके बाद भाई की आरती उतारें, फिर भाई को मिठाई खिलाएं.
- अगर बड़ा है तो भाई है तो उसका चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें.
- अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लेना चाहिए.
भद्रा में नहीं बांधनी चाहिए राखी
हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, भद्रा सूर्य देव और छाय की पुत्री है और अत्यधिक क्रूर स्वभाव वाली है. ज्योतिष में भद्रा को एक विशेष काल बताते हैं. भद्रा काल में शुभ कर्म शुरू न करने की सलाह सभी ज्योतिषी देते हैं. शुभ कर्म जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षा बंधन पर रक्षासूत्र बांधना आदि नहीं करनी चाहिए. सरल शब्दों में कहें तो भद्रा काल को अशुभ माना जाता है.
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