Bihar Bhumi Adhigrahan: जमीन अधिग्रहण के बाद रैयतों को कब मिलेगा पैसा
Bihar Bhumi Adhigrahan : अपर मुख्य सचिव ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सभी भू अर्जन पदाधिकारियों ( D.L.A.O.) से कहा कि भू-अर्जन का काम आप बस कॉमन सेंस से नहीं कर सकते। इसके लिए अधिनियम और प्रक्रिया की पूरी जानकारी होना जरूरी है।
Bihar Bhumi Adhigrahan : आज का हमारा यह लेख आप सभी बिहार के रैयतों को समर्पित है हम आपको बताना चाहते हैं कि, जमीन अधिग्रहण के बाद रैयतों को पूरे मुआवजे का भुगतान immediately कर दिया जायेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी भू-अर्जन पदाधिकारियों (D.L.A.O.) को निर्देश दिया है
और भू-अर्जन पदाधिकारियों से सवाल किया है कि अगर बाजार मूल्य दर की प्रक्रिया का पालन हो रहा है तो इसमें परेशानी क्यों आ रही है? अधिकारियों ने कहा है कि खतियान काफी पुराने हैं और इसमें कई जमीन तो कृषि कैटेगरी में चिह्नित है, लेकिन आज उनका उपयोग आवासीय जमीन के तौर पर किया जा रहा है. इस कारण भुगतान दर के निर्धारण में परेशानी आ रही है।
अपर मुख्य सचिव ने इस परेशानी को दूर करने का निर्देश दिया है। वह गुरुवार को जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा जमीन सर्वे में आ रही दिक्कतों को दूर करने की ट्रेनिंग दी गई है।
अपर मुख्य सचिव ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए सभी भू अर्जन पदाधिकारियों ( D.L.A.O.) से कहा कि भू-अर्जन का काम आप बस कॉमन सेंस से नहीं कर सकते। इसके लिए अधिनियम और प्रक्रिया की पूरी जानकारी होना जरूरी है। भू-अर्जन की प्रक्रिया में 1894 और 2013 के अधिनियम का पालन करें।
साथ ही इस प्रक्रिया को नियत समयसीमा के भीतर पूरा करें। अपर मुख्य सचिव रैयतों को मिलने वाले मुआवजे के बारे में कहा कि सभी पदाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि रैयतों को मुआवजे का पूर्ण भुगतान किया जाये। उन्होंने सभी D.L.A.O. को सूचित करते हुए बताया कि अगर कोई रैयत छूट गया हो, वो बस एक नंबर हो सकता है। लेकिन उस रैयत हेतु यह मुआवजा काफी जरूरी है।
DLAO को रिकॉर्ड अपडेटेड रखने का निर्देश
हम आपको बताना चाहते हैं कि, अपर मुख्य सचिव ने बिहार के सभी D.L.A.O. को रैयतों का पूर्ण भुगतान सुनिश्चित कराने के साथ-साथ इसका रिकॉर्ड भी लगातार मेंटेन करने का निर्देश दिए हैं। इसका फायदा बताते हुए उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड ठीक रहने की स्थिति में पुराने और नये अपडेटेड रिकॉर्ड को ढूंढने में आसानी होगी, जिससे विभाग आ समय बचेगा।
साथ ही साथ अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी डीएलएओ से कहा कि, भू-अर्जन में अगर किसी तरह की कोई दिक्कतें आ रही हैं तो उसका समाधान अपने स्तर से करें। अक्सर यह देखने को मिल रहा है कि अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने के लिए अधिकारी अपने सूझबूझ से सुलझा सकने वाले केस को भी भू-अर्जन पुनर्वासन व व्यवस्थापन प्राधिकार (लारा कोर्ट) में भेज दे रहे हैं। जिसके कारण पेंडिंग केसों की संख्या लगातार बढ़ता जा रहा है।
जमीन सर्वे एक जटिल प्रक्रिया, प्रशिक्षण जारी
जमीन का सर्वे एक जटिल प्रक्रिया है जिसको लेकर विभाग के सचिव जय सिंह के द्वारा कहा गया कि बिहार में जमीन का सर्वे काफी जटिल प्रक्रिया है। लगातार कर्मचारियों को नए नए समस्याओं से गुजरना पर रहा है इसीलिए समस्याओं को तय समय के भीतर समाधान करने के लिए विभाग द्वारा समय - समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित की जा रही हैं। ताकि मौके पर ही समस्याओं का समाधान हो सकें। बताते चले कि इस प्रशिक्षण के आयोजन में बिहार के जिला भू-अर्जन और अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया, साथ ही अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लेकर अपनी अपनी राय रखी।
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