सरकार का बड़ा फैसला, डिलीवरी एजेंट्स को मिलेगा PF, पेंशन और बीमा का लाभ
Big Decision of the Government: मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार के इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य गिग वर्कर्स को सुरक्षा देना है. क्योंकि भारत मे पहली बार गिग वर्कर्स की सुरक्षा और भलाई के बारे में सोचते हुए इस नई नीति को लाया जा रहा है
Big Decision of the Government: अगर आप Flipkart, Amazon, Zomato, Blinkit जैसे ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर डिलीवरी एजेंट्स का काम करते हैं तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. क्योंकि तमाम डिलीवरी एजेंट्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल अब उन्हें भी पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, प्रोविडेंट फंड, जैसी सभी सुविधाएं मिलने वाली है।
हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, जल्द ही मोदी सरकार यह नीति शुरू करने वाली है. 1 फरवरी यानी कि बजट से पहले श्रम मंत्रालय इस नीति को लाने पर विचार कर रही है. हमारे देश में अब तक डिलीवरी एजेंट्स या गिग वर्कर्स को उनके प्रोजेक्ट या फिर डिलीवरी संख्या के आधार पर पैसे दिए जाते थे और इस तरह के पार्ट टाइम काम में वर्कर्स पेंशन, पीएफ, बीमा जैसे लाभ नहीं दिए जाते हैं. अब भारत सरकार सभी गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह नीति लाने जा रही है।
अब PF और पेंशन मिलेगा डिलीवरी एजेंट्स को भी
हम आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि, भारत सरकार देश के गिग वर्कर्स को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु एक महत्वपूर्ण योजना पर काम कर रही है। हम आपको बता दें कि, आमतौर पर गिग वर्कर्स ऐसे कर्मचारी होते हैं जिन्हें फुल टाइम काम करने के बजाय किसी तरह के काम या फिर प्रोजेक्ट के आधार पर पैसों का भुगतान किया जाता है,
जैसे कि डिलीवरी एजेंट. केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक, केंद्र सरकार के इस नीति के तहत गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य सेवा और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं दी जाएंगी।
अगले साल फरवरी से लागू होगी गिग वर्कर्स के लिए नई नीति
मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार के इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य गिग वर्कर्स को सुरक्षा देना है. क्योंकि भारत मे पहली बार गिग वर्कर्स की सुरक्षा और भलाई के बारे में सोचते हुए इस नई नीति को लाया जा रहा है ताकि, उन्हें अपने अधिकारों से वंचित न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय योजना बना रही है कि इस नीति को अगले बजट से पहले पेश किया जाए. ताकि गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य सेवा और बीमा तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा किया जा सकें. इसके लिए अलग-अलग श्रमिक समूहों से बातचीत की जा रही है.
2 करोड़ अंशकालिक कर्मचारियों को होगा फायदा
बताते चलें कि नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, हमारे देश में लगभग 65 लाख गिग वर्कर्स हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रहा है और यह जल्द ही 2 करोड़ को पार कर सकती है. भारत सरकार प्लेटफॉर्म आधारित नौकरियों और गिग में काम कर रहे श्रमिकों हेतु एक सामाजिक सुरक्षा कोड स्थापित करने के उपर काम कर रही है.
पूरे देश में एक साथ लागू होगी यह नीति
भारत केंद्रीय मंत्री मंडाविया ने बताया कि भारत सरकार के इस नई नीति पर पूरे देश में कानूनी तौर पर विचार विमर्श किया जाएगा. इससे देशभर के गिग वर्कर्स और डिलीवरी एजेंट को समान लाभ प्राप्त होगा. बताया यह भी जा रहा है कि केंद्र सरकार भारत मे एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रणाली लाने के बारे में विचार कर रही है, जिससे सामाजिक सुरक्षा लाभ सुगम बनेगा. इससे आम नागरिकों को सभी सरकारी योजनाओं तक पहुंच और लाभ प्राप्त करना आसान होगा.
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