कब मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी, यहां जाने भादो में पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहार
All The Fasts and Festivals Falling in Bhado: 22 सितंबर दिन गुरुवार को बहुला गणेश चौथ व्रत है. वैसे तो गुरुवार को ही शाम 5:34 बजे चतुर्थी (चौथ) तिथि शुरू हो रहा है, जो शुक्रवार को दिन में तीन बजकर छह मिनट तक रहेगी, लेकिन ज्योतिष गणना के मुताबिक चंद्रोदय के समय चतुर्थी तिथि के विद्यमान रहने पर ही गणेश चौथ व्रत में चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है.
All The Fasts and Festivals Falling in Bhado: मंगलवार 20 अगस्त से सावन खत्म हो चुका है और भादो आरंभ हो गया है, जो स्नान-दान की पूर्णिमा 18 सितंबर तक है. सावन की तरह ही भादो भी हिन्दू धर्म में ख़ास महत्व रखता है क्योंकि हिंदुओं के कई व्रत, तीज- त्योहार भादो में पड़ते हैं, जिसमें बहुला चौथ, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, तीज, अनन्त चतुर्दशी एवं विश्वकर्मा पूजा प्रमुख है.
22 अगस्त को बहुला गणेश चौथ व्रत
हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि, 22 सितंबर दिन गुरुवार को बहुला गणेश चौथ व्रत है. वैसे तो गुरुवार को ही शाम 5:34 बजे चतुर्थी (चौथ) तिथि शुरू हो रहा है, जो शुक्रवार को दिन में तीन बजकर छह मिनट तक रहेगी, लेकिन ज्योतिष गणना के मुताबिक चंद्रोदय के समय चतुर्थी तिथि के विद्यमान रहने पर ही गणेश चौथ व्रत में चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है.
अतः गुरुवार को ही गणेश चौथ व्रत मनाया जाएगा. आपको बता दें वाराणसी पंचांग के मुताबिक गुरुवार को (चतुर्थी तिथि में) चंद्रोदय का समय शाम आठ बजे का है, लेकिन रात्रि 8:20 बजे के बाद चांद को अर्घ्य देना लाभकारी रहेगा.
26 एवं 27 को कृष्ण जन्माष्टमी
लोगों के बीच सबसे अधिक उहापोह की स्थिति श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तिथि को लेकर होती है. मान्यताओं के मुताबिक अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, तब रोहिणी नक्षत्र भी थी और 26 तारीख दिन सोमवार को रोहिणी नक्षत्र और तिथि अष्टमी दोनों ही है.
इस लिहाज से 26 सितंबर को स्मार्तजन (गृहस्थ) श्रीकृष्णजन्माष्टमी मनाया जाएगा. आचार्य अमरेंद्र कुमार शास्त्री के अनुसार 26 सितंबर की रात 8:20 के बाद रोहिणी नक्षत्र का आगमन हो रहा है. जबकि, सूर्योदय के मुताबिक नक्षत्र, तिथि को मानने वाले वैष्णवानाम 27 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे.
6 सितंबर को तीज व्रत
हिंदू त्योहारों में तीज व्रत, जीउतपुत्रिका व्रत को कठिन माना गया है. विधान के मुताबिक इस व्रत में महिलाएं पानी तक नहीं ग्रहण करतीं. तृतीया तिथि का आगमन पांच सितंबर की रात्रि 10:05 बजे हो जाएगा, जो दिन में 12:09 बजे तक रह रहेगी. इस कारण तीज का व्रत छह तारीख को ही मनाया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, इस दिन चंद्र दर्शन को निषिद्ध माना गया है.
अनंत चतुर्दशी व विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को
हम आपकी जानकारी के लिए बता देना चाहते हैं कि, हर साल 17 सितंबर को शिल्पकारों द्वारा विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है. इसी दिन अनंत चतुर्दशी व्रत भी पड़ रहा है. अतः दोनों त्योहार एक ही दिन मनाया जाएगा. हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, व्रत की पूर्णिमा और नान्दीमातामह श्राद्ध भी इसी दिन है.
स्नान-दान की पूर्णिमा को पितृपक्ष की आरंभ तिथि
हम आपको बता दें कि, इस साल तिथियों की घट-बढ़ होने के कारण स्नान दान की पूर्णिमा से ही पितृपक्ष (महालया) की तिथियां भी शुरू होने वाली है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्योदय के वक्त पूर्णिमा तिथि के विद्यमान रहने पर ही पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान की परंपरा है,
पूर्णिमा सूर्योदयकाल में सुबह 8:41 बजे तक रहेगी है. वहीं, दोपहर के 11 बजे के बाद से ही पितृपक्ष के लिए तिथियों की गणना की जाती है. हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, अतः महालया प्रतिपदा का श्राद्ध भी इसी दिन होगा.
इस साल भादो में पड़ने वाले व्रत-त्योहार
- बहुला गणेश चतुर्थी व्रत (गुरुवार) 22 अगस्त
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (गृहस्थ) 26 अगस्त (सोमवार)
- वैष्णवानाम श्रीकृष्ण जन्म व्रत व गुग्गा नवमी- 27 अगस्त (बुधवार)
- जया एकादशी व्रत - 29 अगस्त (गुरुवार)
- कुशोत्पाटिनी अमावस्या (सोमवार)
स्नान दान की भौमवती अमावस्या सितंबर (मंगलवार) 03 - हरितालिका तीज व्रत - 6 सितंबर (शुक्रवार)
- ऋषि पंचमी - 8 सितंबर (रविवार)
- पद्मा या कर्मा एकादशी व्रत 14 सितंबर (शनिवार)
- अनंत चतुर्दशी व्रत, विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर (मंगलवार)
- स्नान दान की पूर्णिमा (बुधवार)